महाकाली मंञ

महाकाली मन्त्र

सतनमो आदेश।श्रीनाथजी गुरुजी को आदेश।ॐ गुरुजी बंगाल खण्ड कामरू देश में बंगाल की खाड़ी।जहाँ बैठी महाकाली।काली कंकाली महाकाली।जल की जोगिनी पाताल की नागिन।आगे चलें काल भैरव वीर।पीछें चलें हनुमन्त वीर।दांये चलें गणेश वीर।बायें चलें बावन वीर।काली पंचमुखी गुड़ गुड़ आवें।दप दप बाँधे।पाश पाश छुटे। वीर लुटे।लोटन वीर की दुहाई।वीर की जटा हिलें।माई की चाल रुकें।रक्त वीर की आन लगाई।माई की ज्योति जगाई।प्रकट हो शम्भु शिवानी काली माई।इतनी वार कहाँ लगाई।भोग मांगे माई।लुहानी धार लगाई।जुगत जाई।ॐ क्रीम काली प्रकट प्रकट कुहद देहीवासिनी ॐ फट स्वाहा।इतना काली मन्त्र जाप सम्पूर्ण भया।शून्य की गादी बैठ गुरु गोरक्ष नाथ जी ने आपो आप सुनाया।श्रीनाथजी गुरुजी को आदेश।आदेश।आदेश।

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